मैं एक घरेलू महिला हूँ जो नारी की स्वतंत्रता में विश्वास रखती हूँ। स्वछंदता में नहीं। नारी उत्थान के लिए कुछ भी करने को तैयार। लेकिन तभी जब नारी सामाजिक मुल्यो के अनुरूप चले।
इसका परिणाम होगा युवा कम प्रोढ़ ज्यादा। विचार करें हम किस दिशा में जा रहें हैं। इसका परिणाम होगा युवा कम प्रोढ़ ज्यादा। विचार करें हम किस दिशा में जा रहें हैं।
आगे की तीन लाईनों को खाली छोड़ रखा है, वहां भगवान के नाम पर गौरख धंधा चल रहा है। आगे की तीन लाईनों को खाली छोड़ रखा है, वहां भगवान के नाम पर गौरख धंधा चल रहा है।
किसी ने यह सही ही कहा है - हमारी कश्ती भी वहीं डूबती है, जहां पानी कम होता है। किसी ने यह सही ही कहा है - हमारी कश्ती भी वहीं डूबती है, जहां पानी कम होता है।
जिसकी घर-घर में पूजा होती है। अगर नहीं तो फिर आडम्बर क्य़ों ? जिसकी घर-घर में पूजा होती है। अगर नहीं तो फिर आडम्बर क्य़ों ?
किसी की जिंदगी यूँ बर्बाद करने का किसी को कोई हक नहीं बनता। वह तो बेचारी "ना घर की रही किसी की जिंदगी यूँ बर्बाद करने का किसी को कोई हक नहीं बनता। वह तो बेचारी "ना घर ...
उसकी जैसे ही तन्द्रा टूटी वह दिल्ली पहुंच चुके थे। उसकी जैसे ही तन्द्रा टूटी वह दिल्ली पहुंच चुके थे।
मैडम ! एक बार देख तो लीजिये। हो सकता है कि आपसे कोई गलती हो गई हो। मैडम ! एक बार देख तो लीजिये। हो सकता है कि आपसे कोई गलती हो गई हो।
मम्मी जी, हम सब भी इसे अपनी पलकों पर बिठा कर रखेंगे मम्मी जी, हम सब भी इसे अपनी पलकों पर बिठा कर रखेंगे
कान्ता बेहोश थी, अब उसे थोड़ा-थोड़ा होश आना शुरु हुआ कान्ता बेहोश थी, अब उसे थोड़ा-थोड़ा होश आना शुरु हुआ
इसीलिय़े वह नये मां-बाप ढूंढ़ने निकल पड़ी, उस नादान को क्या पता यह दुनिया कैसी है। इसीलिय़े वह नये मां-बाप ढूंढ़ने निकल पड़ी, उस नादान को क्या पता यह दुनिया कैसी है...